'विध्वंशक'
विध्वंशक ,
क्यों हुआ?ये चला अब,
न जाने किस ओर ये .....
रोको कोई,
अरे! ये चला ।
लुटने संसार किसका ,
रूह में इसके है, है क्या?
जो इसे रूहों से जोड़े, दर्द हो जिसमे समाया,
आग उसमे भर चला ।
अरे! ये चला।
आग उसमे छोड़ के ......अरे! ये चला।
धोखा था शायद ...
कि वो चला।
एक अंश को छोड़ पीछे,
है वो चला ............
good one...really..:)
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